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सुनीता विलियम्स की तरह स्पेस में फंस जाएंगे शुभांशु शुक्ला? आखिर क्यों धरती पर वापसी में हो रही देरी, जानिए

Shubhanshu Shukla Return: भारत के अंतरिक्ष यात्रीशुभांशु शुक्ला 12 दिनों से International Space Station में हैं. 10 जुलाई को उनकी वापसी होनी थी, लेकिन अब तक वह नहीं लौटे हैं. जानिए आखिर क्यों उनकी धरती पर वापसी मे देरी हो रही है.

Axiom-4 Mission

‘ये कमाल की यात्रा… 41 साल बाद हम अंतरिक्ष में पहुंच गए…’, शुभांशु शुक्ला ने स्पेसक्राफ्ट से भेजा पहला मैसेज

Axiom-4 Mission: Axiom-4 मिशन को कई बार स्थगित करना पद चूका था. 29 मई 2025 को मौसम और तकनीकी समस्याओं के कारण देरी हुई. हालांकि, अब यह मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया.

Sunita Williams

‘खूबसूरत लहरें, जगमगाती रोशनी…’, 9 महीने स्पेस में रहीं Sunita Williams ने बताया अंतरिक्ष से भारत का नजारा

Sunita Williams: भारतीय समय अनुसार ये पीसी सोमवार देर रात 12 बजे शुरू हुई. इस दौरान Crew-9 के मेंबर्स ने कई सवालों का जवाब दिया. इस दौरान जब एक भारतीय पत्रकार ने सुनीता से भारत को लेकर सवाल पूछा तो उनका जवाब काफी शानदार रहा. सुनीता से जब यह सवाल पूछा गया कि स्पेस से भारत कैसा दिखता है? इसका जवाब देते हुए सुनीता से कहा- 'बहुत, खूबसूरत.'

NASA Astronauts Sunita Williams

1900 डिग्री तापमान, 7 मिनट तक ब्लैकआउट…हर चुनौती को मात देकर धरती पर ऐसे लौटीं सुनीता विलियम्स

जब कोई स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो उसकी गति लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे होती है. इस उच्च गति से वायुमंडल के साथ रगड़ पैदा होती है, जिससे कैप्सूल का तापमान बढ़कर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है.

SpaceX

Dragon Capsule: जानिए क्या है SpaceX का ड्रैगन क्रू कैप्सूल, जो सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष से लाएगा वापस

Dragon Capsule अपने दम पर धरती की निचली कक्षा में 10 दिन तक रह सकता है, लेकिन जब इसे ISS से जोड़ दिया जाता है, तो यह 210 दिनों तक अंतरिक्ष में रह सकता है.

Indian Astronaut Shubhanshu Shukla

भारत ने स्पेस स्टेशन मिशन के लिए चुना प्राइम एस्ट्रोनॉट, ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी

एक्सिओम-4 मिशन के चालक दल में अमेरिका की पैगी व्हिटसन (कमांडर), भारत के ग्रुप कैप्टन शुक्ला (पायलट), पोलैंड के सालावोस उज़्नान्स्की (मिशन विशेषज्ञ) और हंगरी के टिबोर कपू (मिशन विशेषज्ञ) शामिल होंगे.

NASA

NASA को चांद के चक्कर लगाता दिखा रहस्यमयी शिप? वैज्ञानिकों ने किया ये खुलासा

लूनर रीकॉन्सेंस ऑर्बिटर और दानुरी की गति में 11,500 किलोमीटर प्रति घंटा का अंतर है. एलआरओ का कैमरा एक्सपोज़र समय केवल 0.338 मिलीसेकंड है. इसलिए जब एलआरओ ने फोटो ली तो दानुरी अपने आकार से 10 गुना अधिक बड़ा दिखाई दिया.

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