बसवराजू जैसे अनुभवी नेता का मारा जाना संगठन के लिए बड़ा झटका है. उसके पास वर्षों का अनुभव और रणनीतिक समझ थी, जिसे दोबारा बनाना आसान नहीं होगा. इस तरह की घटनाएं नक्सल कैडर के मनोबल को तोड़ती हैं. जब शीर्ष नेता मारे जाते हैं, तो निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में डर और असमंजस बढ़ता है.