Sanjay Nishad On BJP: 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से भी निषाद पार्टी को सीख मिली. समाजवादी पार्टी ने निषाद वोटों को अपनी तरफ खींचा, जिससे बीजेपी को कुछ सीटों पर नुकसान हुआ. इस हार से सबक लेते हुए संजय निषाद ने अपने बेटे को पार्टी प्रभारी पद से हटा दिया. अब 31 अगस्त को वे 'जनजाति दिवस' मनाकर अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में हैं.
निषाद समुदाय को अभी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में गिना जाता है, लेकिन वे लंबे समय से अनुसूचित जाति का दर्जा मांग रहे हैं. संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन ही इसी वादे पर किया था कि निषाद उप-जातियों को आरक्षण दिलाया जाएगा.
UP Bye-Election: बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के दो घटक दल दो-दो सीटों की डिमांड कर रहे हैं. डॉक्टर संजय निषाद की अगुवाई वाली निषाद पार्टी और जयंत चौधरी की अगुवाई वाली आरएलडी दो-दो सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं.