केंद्र सरकार के इस फैसले पर राज्यों का रुख मिला-जुला रहा है. कई राज्यों ने इस बदलाव को लागू करने का निर्णय लिया है, जैसे गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक और दिल्ली. वहीं, केरल जैसे कुछ राज्य इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह नीति छात्रों पर अतिरिक्त दबाव डालेगी, जिससे ड्रॉपआउट दर में वृद्धि हो सकती है.