इस युद्ध की पहली आहट एक आम आदमी ने पहचानी. मई 1999 में ताशी नामग्याल नाम के एक स्थानीय चरवाहे ने बटालिक इलाके में कुछ संदिग्ध हरकतें देखीं. उन्होंने देखा कि कुछ ऐसे लोग, जो आसपास के लग नहीं रहे थे, हमारी चोटियों पर डेरा डाल रहे थे. ताशी ने बिना देर किए भारतीय सेना को खबर दी.
15 अगस्त 1947 को जब भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की, तो यह सबके लिए एक नई शुरुआत थी. लोग खुश थे कि अब उनका देश स्वतंत्र हो गया है, लेकिन एक बुरी खबर भी थी, गोवा अभी भी पुर्तगालियों के अधीन था. भारत के आज़ादी के दिन सभी जगह ख़ुशियां मनाई जा रही थीं, लेकिन गोवा के लोग ग़म में थे क्योंकि वे भी स्वतंत्रता की उम्मीद में थे...