यह पहली बार नहीं है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने फैसले से राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई हो. 2014 में जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जीत हासिल की थी, तब भी केजरीवाल ने सबको चौंका दिया था.