सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इस हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने रची थी. ISI के बड़े अधिकारियों और पाकिस्तानी सेना के कुछ आला अफसरों के नाम भी इस साजिश से जुड़े हैं.
पाकिस्तान में असल सत्ता चुनी हुई सरकार के पास नहीं, बल्कि वहां की फौज और ISI के पास है. ये दोनों मिलकर आतंकी संगठनों को पैसा, हथियार और पनाह देते हैं. PoK में आतंकी कैंप चलाने से लेकर आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने तक, सब ISI की देखरेख में होता है.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने सब कुछ बदल दिया. इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय की जान चली गई. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का दिल टूट गया. उन्होंने कहा, "मैंने पर्यटकों को बुलाया था, लेकिन उनकी सुरक्षा नहीं कर पाया. क्या अब मैं राज्य का दर्जा मांगूं?"
कांग्रेस की बातों में दो चेहरे दिख रहे हैं. राहुल और खड़गे ने बैठक में कहा कि वो आतंकवाद के खिलाफ सरकार का साथ देंगे. कांग्रेस की बड़ी मीटिंग में भी यही बात हुई कि देश को एकजुट रखना है. इससे वो दिखाना चाहते हैं कि वो देश के साथ हैं. लेकिन कुछ कांग्रेस नेताओं ने उल्टा रास्ता पकड़ा.
अगले महीने कभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. बीजेपी चाहती है कि नया अध्यक्ष न केवल संगठन को मजबूत करे, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनाव के लिए भी पार्टी को नई दिशा दे. इसके साथ ही, पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की योजना बना रही है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी और बढ़ी है. ऐसे में तुर्की का यह कदम भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. तुर्की और पाकिस्तान ने हथियारों के इस हस्तांतरण की पुष्टि की है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि शिपमेंट में कौन-कौन से हथियार शामिल हैं.
FRRO ने यह लिस्ट दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच को सौंपी है, जिसे अब आगे जिलों में सत्यापन और पहचान के लिए भेजा जा रहा है.
पहलगाम आतंकी हमले में संदिग्ध खच्चर वाले को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. संदिग्ध की पहचान अयाज अहमद जंगल निवासी गोहिपोरा रैजन, गांदरबल के रूप में हुई है.
स्काई न्यूज के साथ बातचीत के दौरान ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया है कि पाकिस्तान तीन दशक से आतंकवाद को सपोर्ट करने और आतंकियों को फंडिंग करने का काम करता रहा है.