2017 में पनामा ने ताइवान के साथ अपने राजनयिक संबंध खत्म कर दिए और चीन से संबंध स्थापित किए. चीन ने पनामा में बड़े निवेश किए हैं, और इसके तहत पनामा के दो सबसे बड़े पोर्ट भी चीन की कंपनियों के पास हैं. यही कारण है कि अमेरिका चिंतित है.