1990 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के बाद से हरीश ने काहिरा के अमेरिकी विश्वविद्यालय में अरबी सीखी और काहिरा और रियाद में भारतीय मिशनों में सेवा की और गाजा शहर में स्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण में भारत के प्रतिनिधि के रूप में पद का नेतृत्व किया.