Patanjali Case: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी भ्रामक विज्ञापनों के लिए पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ शुरू की गई अदालती अवमानना की कार्यवाही में उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था.
Patanjali Case: पतंजलि और अन्य कंपनियों से जुड़े भ्रामक विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. शीर्ष न्यायालय ने विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए शर्तें लागू की हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, संस्था द्वारा पेश किए गए स्पष्टीकरण पर असंतोष व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लाइसेंसिंग प्राधिकारी ने शीर्ष अदालत के 10 अप्रैल के आदेश के बाद ही कानून के अनुसार कार्रवाई की है.
सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को फटकार लगाते हुए कहा कि माफी किसी कागज के लायक नहीं है, जो लिखकर दे दी गई है. माफी मांगना पर्याप्त नहीं है.