समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, संस्था द्वारा पेश किए गए स्पष्टीकरण पर असंतोष व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लाइसेंसिंग प्राधिकारी ने शीर्ष अदालत के 10 अप्रैल के आदेश के बाद ही कानून के अनुसार कार्रवाई की है.