यह मामला वाइल्ड लाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट, 1972 के तहत दर्ज किया गया है. इस अधिनियम के अनुसार, हनुमान लंगूर जैसे जंगली जानवरों को पिंजड़े में रखना, पालतू बनाना या प्रदर्शन के लिए मजबूर करना अवैध है.