दिलचस्प यह है कि इस बार फलोदी सट्टा बाजार ने कांग्रेस पार्टी को चुनावी मुकाबले से बाहर होते हुए दिखाया है. पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस को लेकर बाजार के अनुमानों में हलचल बनी रहती थी, लेकिन इस बार कांग्रेस की स्थिति सट्टा बाजार में बेहद कमजोर मानी जा रही है.