सरकार की ओर से सख्त लहजे में कहा गया है कि कथित दुरुपयोग के बारे में कई बार चेतावनियां दिए जाने के बाद भी SBI और PNB ने अपनी ओर से कोई कदम नहीं उठाया. जिसकी वजह से ये फैसला किया गया है.