दोनों किताबों में सुधीर आज़ाद ने प्रमुखता से कहा है कि भारतीय सांस्कृतिक चिंतन ही पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का सबसे आसान और प्रभावी मार्ग है।