संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था. खेडकर ने कथित तौर पर आरक्षण लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी दी थी.