प्रदीप कुमार को साल 2014 में अदालत से राहत मिली और अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को साबित करने में विफल रहा और उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं था.