अब हिरण्यकश्यप हर बार असफल होकर और भी तैश में आ गया था. एक दिन उसने प्रह्लाद को सभा में बुलाया और उसे खंभे से बांधकर मारने की योजना बनाई. लेकिन क्या हुआ? भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया और उस खंभे को फाड़कर हिरण्यकश्यप का वध किया.