CG News: टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी, अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी, हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर, लिखता-मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं.....पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस कविता ने आज खैरागढ़ जिले के एक युवा की जिंदगी ही बदल दी.