आज से लगभग 200 साल पहले, 1833 में जब यूरोप में दास प्रथा का अंत हो गया, तब ब्रिटेन को अपनी कॉलोनियों में काम करने के लिए भारी संख्या में मजदूरों की जरूरत पड़ी. ऐसे में गुलामी के शिकंजे में फंसे भारत से मजदूरों को खींचकर विदेश भेजने का सिलसिला शुरू हुआ.