प्रवेश वर्मा ने यह भी कहा कि अगर उन्हें केवल चुनावी टिकट की लालसा होती, तो वह कांग्रेस में शामिल हो जाते. लेकिन उनके लिए उनके संस्कार और भाजपा के सिद्धांत अधिक महत्वपूर्ण थे, इसलिए उन्होंने इस प्रस्ताव को नकारा.