यहां समझने वाली बात यह है कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला चन्नी का नोटिस स्वीकार कर लेते हैं, तो ऐसे में संसद रूलबुक के नियम 225(1) कहता है कि लोकसभा अध्यक्ष नोटिस में कही गई बातों से सहमत होते हैं तो वो किसी भी वक्त प्रस्ताव लाने की अनुमति दे सकते हैं.