एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा तैयार की गई एक हालिया रिपोर्ट में 16 मौजूदा सांसदों और 135 मौजूदा विधायकों ने अपने चुनावी हलफनामों में कबूल किया है कि उनके खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं, जिनमें से कई पर बलात्कार, एसिड अटैक, महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसे गंभीर अपराध के आरोप हैं.
देश में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा में लगातार इजाफा देखने को मिला है. बीते एक दशक के आंकड़े डराने वाले हैं. ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो’ के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में पूरे देश भर में हर 15 मिनट में एक महिला रेप का शिकार हो रही थी. 2024 में भी अपराध का यह सिलसिला 7 फीसदी के दर से और ज़्यादा बढ़ा है.