इस बैठक में कुछ अच्छी और बुरी, दोनों तरह की ख़बरें सामने आईं. अच्छी ख़बर ये है कि RBI ने वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई के अनुमान को 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया है. यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि इसका मतलब है कि चीज़ों के दाम बहुत ज़्यादा नहीं बढ़ेंगे.
RBI ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है, जब देश में महंगाई (CPI) 4% के लक्ष्य से नीचे, यानी 3.16% पर है, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है. साथ ही, भारत की आर्थिक वृद्धि (GDP ग्रोथ) 2024-25 में 6.5% तक धीमी हो गई है. वैश्विक स्तर पर भी चुनौतियां हैं, जैसे अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं.
RBI MPC Meeting: आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती की है. इस कटौती के साथ ही अब नई रेपो रेट 6% हो गई है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है.
Repo Rate: RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. रेपो रेट में इस बार कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहले भी स्पष्ट किया है कि महंगाई दर के 4 फीसदी के लक्ष्य तक स्थिर रहने के बाद ही ब्याज दरों में कटौती पर विचार किया जाएगा.
RBI Repo Rate: केंद्रीय बैंक ने अपनी फरवरी की मौद्रिक नीति में लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा था. आज वित्त वर्ष 2024-25 की पहली भारतीय रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं.
RBI Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फैसले के बाद अब लोन भरने वालों को बड़ी राहत मिली है.