सरकार की ओर से कहा गया है कि 30 नवंबर, 1966 को जारी आदेश को वापस ले लिया गया, जिसमें सिविल सेवकों को राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठनों में शामिल होने से रोक दिया गया था.