Dollar Rupees Value: कुछ ऐसे सेक्टर ऐसे हैं, जो लगातार डेलीकेट बने हुए हैं. ऐसे में अगर तेल महंगा या आयात बढ़ता रहा, या FII का बाहर जाना जारी रहा, तो रुपये पर और दबाव आ सकता है. इसके अलावा घरेलू बाजार में महंगाई, पेट्रोल-डीजल कीमतें और उपभोक्ता वस्तुओं की लागत बढ़ने का जोखिम है.