कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार से गंगाजल लेने के लिए जाते समय रुड़की के पास एक कार की चपेट में आने से सचिन की मौत हो गई थी. सचिन ने अंगदान करके पांच लोगों की जिंदगी बचाई और उन्हें नई दिशा दी.