Sadanandan Master

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टूटकर भी ना टूटे…कैसे कटे पैरों से सदानंदन मास्टर ने नापी संसद की डगर?

शारीरिक विकलांगता उनके हौसले को नहीं तोड़ पाई. कृत्रिम पैर लगवाकर उन्होंने एक नई शुरुआत की. 1999 में उन्होंने त्रिशूर ज़िले के एक माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के रूप में नौकरी की.

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