याचिका केरल की सफिया पीएम नाम की एक महिला ने दायर की थी. याचिका में महिला ने कहा, "वह आस्तिक नहीं है और इसलिए विरासत के संबंध में मुस्लिम पर्सनल लॉ के बजाय भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम 1925 में उसका मामला जाना चाहिए.