मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक त्रिपाठी ने कोर्ट में जोरदार दलीलें दीं. उन्होंने बताया कि बारात घर तो पहले ही ढहा दिया गया है और मस्जिद को गांधी जयंती और दशहरे के दिन तोड़ने की बात थी. दूसरी ओर, राज्य सरकार की ओर से चीफ स्टैंडिंग काउंसिल जे.एन. मौर्या और आशीष मोहन श्रीवास्तव ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि ये कार्रवाई नियमों के तहत हो रही है.