रिपोर्ट के मुताबिक, मलबा इरुवाईफुझा नदी के किनारे लगभग 8 किलोमीटर तक बह गया है. इससे नदी की दिशा बदल गई है. इसरो के मुताबिक, अतीत में भी इस इलाके में लैंडस्लाइड की घटना घट चुकी है.