राहुल गांधी ने 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर को लेकर कुछ बयान दिए थे, लेकिन उस वक्त उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सार्वजनिक रूप से विरोध किया था. तब एक समझौता हुआ था कि राहुल इस विषय पर चुप्पी रखेंगे, क्योंकि यह मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति में संवेदनशील था और कांग्रेस के लिए गठबंधन को बचाने की आवश्यकता थी.