रुआंगसाक उस समय सिर्फ 20 साल के थे और सीट नंबर 11A पर बैठे थे. वह उन 45 लोगों में शामिल थे, जो इस हादसे से बच निकले. आज 47 साल की उम्र में रुआंगसाक उस खौफनाक दिन को याद करते हुए कहते हैं, “जब मैंने सुना कि अहमदाबाद हादसे का इकलौता बचा शख्स भी मेरी सीट 11A पर था, तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए. मैं उन सभी लोगों के लिए दुखी हूं, जिन्होंने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोया.”