शगुन परिहार के पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार, जो कि बीजेपी के प्रमुख नेता थे, नवंबर 2018 में आतंकवादी हमले में मारे गए थे. इसके बाद, शगुन ने राजनीती में कदम रखा और किश्तवाड़ से जीत हासिल की है.
Shagun Parihar: अनिल परिहार किश्तवाड़ की राजनीति में तब भी एक्टिव थे, जब आतंकवाद जम्मू-कश्मीर में चरम-सीमा पर था. बीजेपी के नेताओं को जब नब्बे के दशक में जब डोडा बचाओ आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था, तब भी अनिल परिहार बीजेपी से जुड़े हुए थे.