Sani Sade Sati: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मेष राशि पर पहला चरण, कुंभ पर तीसरा और मीन राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण रहेगा. बताया है कि दूसरा चरण सबसे ज्यादा कष्टकारी रहने वाला है. इसी चरण में जातक सबसे ज्यादा दुख और तकलीफों का सामना करेंगे
शनि का मीन राशि में गोचर एक खगोलीय सत्य है. इसे खारिज नहीं किया जा सकता. मीन राशि में शनि का प्रभाव कर्म और आध्यात्मिकता के संतुलन को दर्शाता है, लेकिन इसका परिणाम व्यक्ति की कुंडली पर निर्भर करता है.