उपवास के तुरंत बाद भारी भोजन करने से बचना जरूरी होता है. तो फिर व्रत खोलने के बाद क्या खाना सही रहेगा और किन चीज़ों से बचना चाहिए, आइए विस्तार से जानते हैं.
कन्या पूजन के खाने में हमें कभी भी लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसे तामसिक आहार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे मां दुर्गा क्रोधित होती हैं.
Maa Sharda Katni temple: कटनी जिले के विजयराघवगढ़ में मां शारदा की बड़ी बहन विराजित हैं. इस मंदिर का निर्माण विजयराघवगढ़ के राजा प्रयाग दास ने आज से करीब 200 साल पहले कराया था.
Navratri 2025 Ravi Yog: नवरात्रि के दौरान कई ऐसे शुभ योग बन रहे हैं जिनमें खरीदारी की जा सकती है. मान्यताओं के अनुसार रवि योग को सबसे शुभ माना जाता है. इस योग में की गई खरीदारी लाभकारी और सिद्ध होती है.
Bastar Shardiya Navratri 2025: देश भर में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. आज पहले दिन जगह-जगह पर धूमधाम से माता रानी का स्वागत किया जा रहा है. इस मौके पर छत्तीसगढ़ के बस्तर में किन्नर सामज ने खास परंपरा निभाई.
Shardiya Navratri 2025: सोमवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है. नवरात्र के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है. देश के प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा की जा रही है. वहीं छत्तीसगढ़ के देवी मंदिरों जैसे मां बम्लेश्वरी, दंतेश्वरी, महामाया समेत अन्य देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.
Shardiya Navratri 2025: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी नवरात्रि हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. दोनों प्रदेशों के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है. एमपी के शारदा माता मंदिर, सकलनपुर स्थित विजयासन देवी मंदिर, उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर और दतिया में पीतांबरा पीठ में भक्तों को तांता लगा हुआ है
Shardiya Navratri 2025 Darshan: इस शारदीय नवरात्रि करिए छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध देवी मंदिरों के दर्शन. इन सभी मंदिरों की अलग-अलग मान्यता है. जानिए इन मंदिरों के बारे में-
Navratri Vrat Food: अगर आप भी इस शारदीय नवरात्रि के मौके पर 9 दिनों का व्रत रखने वाले हैं तो आपको अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ चीजों को खाने से आपको कमजोरी महसूस नहीं होगी.
Navratri Kalash Sthapana Vidhi: नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना यानी घटस्थापना की जाती है. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है. ऐसे में जानते हैं कि कलश स्थापना का शुभ समय और सही विधि क्या है.