विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालात पर राज्यसभा में बयान दिया और भारत का रुख स्पष्ट किया. विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में लोग सड़कों पर हैं और वहां अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं को निशाना बनाया गया है.
Bangladesh Violence: लगातार हो रहे हमले की वजह से बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं में अब डर का माहौल है. दिनाजपुर कस्बे और रेलबाजारहाट में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के साथ ही उपद्रवियों ने 10 हिंदू परिवारों को अपना शिकार बना लिया.
Bangladesh Violence: आरक्षण को लेकर जारी प्रदर्शन और हिंसा के बीच बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं को भी निशाना बनाया गया है. कई हिंदुओं के घरों और उनकी दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया है.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में पिछले काफी समय से आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर छात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. धीरे-धीरे प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि प्रदर्शनकारी 5 अगस्त को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास की ओर बढ़े और उन्होंने पीएम आवास में जमकर लूटपाट की.
ऐसा नहीं है कि शेख हसीना पहली बार हिंसा का सामना कर रही हों. उनका राजनीतिक जीवन, उनके देश की तरह हिंसा से ही शुरू हुआ. 15 अगस्त 1975 को तख्तापलट के दौरान सेना के अधिकारियों ने ही उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी थी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें पड़ोसी मुल्क की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
बांग्लादेश से सामने आए वीडियो में प्रदर्शनकारी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर उसे तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं. प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो चुके हैं कि उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर हथौड़े चलाए.
बांग्लादेश में लगातार खराब हो रहे हालातों के बीच सेना चीफ जनरल वकार-उज-जमान देश को संबोधित कर सकते हैं. देशव्यापी कर्फ्यू को दरकिनार कर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी लॉन्ग मार्च के लिए ढाका के शाहबाग चौराहे पर इकट्ठा हुए.
इस बीच भारतीय अधिकारियों ने नागरिकों से अस्थिर स्थिति को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है. जनवरी में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटीं शेख हसीना के लिए विरोध प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गया है.
एनडीए के लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बाद वह भारत आने वाली पहली विदेशी नेता हैं. दोनों नेताओं ने विकास साझेदारी, ऊर्जा, जल संसाधन, व्यापार, रक्षा सहयोग आदि सहित द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की.