शुभांशु समेत चारों एस्ट्रोनॉट आज भारतीय समयानुसर शाम 4 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे. डॉकिंग प्रक्रिया के बाद शुभांशु का यान ड्रैगन कैप्सूल स्पेस स्टेशन के अंदर दाखिल हो गया.
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने स्पेस यान में बैठे-बैठे ही अपनी अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव साझा किया है. वीडियो में सुभांशु के साथ एक टॉय(हंस) भी है. सुभांशु ने कहा, 'भारतीय संस्कृति में हंस ज्ञान का प्रतीक है. यह मेरी यात्रा नहीं बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है.'
स्पेस स्टेशन पृथ्वी के चारों ओर लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से परिक्रमा कर रहा है. इसे पकड़ने के लिए, स्पेस शटल को भी उसी गति और ऊंचाई पर पहुंचना होता है. इस प्रक्रिया को ऑर्बिटल मैकेनिक्स कहा जाता है.
Axiom-4 Mission: Axiom-4 मिशन को कई बार स्थगित करना पद चूका था. 29 मई 2025 को मौसम और तकनीकी समस्याओं के कारण देरी हुई. हालांकि, अब यह मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया.
Shubhanshu Shukla: 14 दिन के अंदर Axiom-4 मिशन चौथी बार टला है. इस बार देरी का कारण स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) लीक की खोज है.
Shubhanshu Shukla: तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ शुभांशु शुक्ला को 11 जून को भारतीय समय के अनुसार शाम को 5.30 बजे कैनेडी स्पेश सेंटर से उड़ान भरेंगे.
एक्सिओम-4 मिशन के चालक दल में अमेरिका की पैगी व्हिटसन (कमांडर), भारत के ग्रुप कैप्टन शुक्ला (पायलट), पोलैंड के सालावोस उज़्नान्स्की (मिशन विशेषज्ञ) और हंगरी के टिबोर कपू (मिशन विशेषज्ञ) शामिल होंगे.