सिद्धार्थ के पिता शांतिलाल मेहता गांव में ही किराना की दुकान चलाते हैं. जबकि सिद्धार्थ के बड़े भाई श्रेयांश भी किराना की दुकान में ही पिता के साथ काम करते हैं. इसके अलावा सिद्धार्थ खुद भी समय निकालकर पिता की दुकान में हाथ बंटाते थे.