किसान परिवार से आने वाले और 2012 तक एक छोटे-मोटे ठेकेदार के तौर पर काम करने वाले सिकंदर पी यादवेंदु काफी हद तक रडार से दूर रहा है. ऐसा तब तक था जब तक उसका नाम बिहार में कथित NEET-UG पेपर लीक के सिलसिले में सामने नहीं आया.