चौरा 1984 में पाकिस्तान भी गया था और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में भी इसकी भूमिका रही है.
धार्मिक सजा के तहत सुखबीर सिंह बादल और उनके साथियों को वॉशरूम साफ करने, बर्तन धोने और एक घंटा कीर्तन सुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें जनतक समागमों में बोलने से भी मना किया गया है.