Uttar Pradesh: वॉइस नोट में सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट और प्रयागराज रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी दी गई है. यह धमकी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष और जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस में वाद दायर करने वाले आशुतोष पांडे के वॉट्सऐप पर दी गई है.
Delhi-NCR Pollution: IQAir पॉल्यूशन मॉनिटर्स के मुताबिक सोमवार की सुबह दिल्ली में PM 2.5 का लेवल 907 था. जोकि WHO की तय डेली लिमिट से 60 गुना ज्यादा है. यह जानलेवा है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर कार्रवाई की एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है. पिछले कुछ सालों में सीएम योगी ने खासकर उन अपराधियों और अराजक तत्वों के खिलाफ बुलडोजर चलाया है, जिनके खिलाफ अवैध निर्माण, अतिक्रमण और अपराधों के आरोप हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोज़र कार्रवाई पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने फैसले में कहा है कि सिर्फ किसी व्यक्ति के आरोपी होने की वजह से उसकी संपत्ति पर बुलडोज़र चलाना सही नहीं है. कोर्ट ने कहा कि किसी के घर को तोड़ने के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है
Supreme Court: दिल्ली सरकार के वकील ने SC के सामने कहा था कि पटाखा बैन को पूरे साल लागू करने का फैसला सभी संबंधित विभागों से सलाह करने के बाद लिया जाएगा. SC के जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने दिल्ली पुलिस से कहा, 'दिल्ली पुलिस ने प्रतिबंधों को गंभीरता से लागू नहीं करवाया.'
इसके बाद मई 2023 में तलाक के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से फैसला सुनाया. इसमें कहा गया कि किसी मामले में संविधान के आर्टिकल-142 के तहत सुप्रीम कोर्ट सीधे तलाक का फैसला दे सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में हुए बुलडोजर एक्शन के मामले पर फैसला सुनाते हुए योगी सरकार को मुआवजा देने का आदेश भी दिया. कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों के घरों को बिना नोटिस के तोड़ा गया है, उन्हें 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए.
Supreme Court: बुधवार को सुनवाई के दौरान, सीजेआई ने इस बात पर चिंता जताई कि मामले में कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.
मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 9 जजों की बेंच ने यह फैसला दिया. उन्होंने कहा कि सभी निजी संपत्तियां भौतिक संसाधन नहीं हैं और इसलिए इन पर सरकार का कब्ज़ा करना ठीक नहीं होगा.
इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में करीब 16,000 मान्यता प्राप्त मदरसों को राहत मिली है. उत्तर प्रदेश में कुल 23,500 मदरसे हैं, जिनमें से लगभग 16,500 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं, और इनमें 560 मदरसे सरकारी अनुदान प्राप्त करते हैं.