गजब बेइज्जती है, भई ... दमांद बाबू के वचन सुनकर तो आंखों से आंसू आ गए. खैर, चर्चाएं जोरों से हैं कि शुक्ला जी अब फिर से माननीय के निर्देशों का हवाला देकर अपनी मनमर्जी करने वाले हैं.