मामले पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि पूरी प्रक्रिया भूमि अधिग्रहण कानून के तहत की गई है. मामले में याचिका पहले ही वापस ली जा चुकी है. इसके साथ ही मुआवजा भी दिया गया था.