Chhattisgarh News: चोट के दर्द पर रोना आसान है. असफलता के दुख पर रोना थोड़ा कठिन होता है, लेकिन महिला हो या पुरुष रोने में कोई कमी नहीं छोड़ते है. जब भी मौका मिलता है फूट-फुटकर रोते हैं, हालाकि पुरुष रोने के मामले में महिलाओं से थोड़े पीछे रहते है और रोने को लेकर एक मान्यता ये भी है कि आंसू बहना दुखो के बोझ को हल्का कर देता है.