सबसे पहले प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रामलला की प्रतिमा का अधिवास संस्कार किया जाएगा. इसके लिए वाराणसी के आचार्यों ने प्रारूप पहले से ही तय कर रखा है.