सवर्ण आयोग के जरिए नीतीश बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहते हैं. अगर अगड़ी जातियां यह महसूस करेंगी कि उनकी बात सुनी जा रही है, तो वे जेडीयू की ओर झुक सकती हैं. इसके इतर नीतीश ने EBC, OBC, और अल्पसंख्यकों को पहले ही साध रखा है.