यह घटना तब की है जब मुगलों ने गुरु गोबिंद सिंह जी से बदला लेने के लिए हमला किया था. परिवार के सदस्य एक दूसरे से बिछड़ गए. बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की उम्र उस समय केवल सात और पांच साल थी.