इंदौर के कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित की गई ये दो नई किस्में, HI 1650 और HI 1655, बिल्कुल अलग हैं. ये शरबती गेहूं के विकल्प के रूप में आई हैं, और इनकी खासियत सिर्फ पैदावार में ही नहीं, बल्कि इनकी चमकदार पीली रंगत और पोषण में भी छिपी है.