भारत में भी जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को गंभीरता से लिया जा रहा है, लेकिन इस दिशा में और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. हमें सिर्फ जलवायु परिवर्तन से बचने के उपाय नहीं करने चाहिए, बल्कि इसके प्रभावों का भी सामना करने के लिए योजना बनानी चाहिए.